Gyanvapi ASI Report में विशाल हिन्दू मंदिर के मिले प्रमाण

Gyanvapi ASI Report को सार्वजनिक कर दिया गया है। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया की ज्ञानवापि एएसआई रिपोर्ट में हिन्दू मंदिर के प्रमाण मिले है। Gyanvapi Case पर उन्होने जानकारी दी की एएसआई के रिपोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहाँ पर पहले एक मदिर था जहां लोग पुजा-अर्चना करते थे। वर्तमान ढांचे के की पश्चिम दीवार पूर्व स्थित मंदिर का हिस्सा है। राम मंदिर के बाद Gyanvapi case बहुत चर्चा में है। हम आपको gyanvapi case update today यहाँ देंगे।

ज्ञानवापि कैस पर एएसआई ने 839 पैज की एक रिपोर्ट दी है जिसमें हिन्दू मंदिर के प्रमाणों के बारें में पता चलता है। वहाँ पर देवनागरी, ग्रंथा, तेलुगू और कन्नड में शिलालेख भी मिले है।

Gyanvapi Mosque

Gyanvapi ASI Report में मिले हिन्दू मंदिर के साक्ष्य

लंबे समय से कोर्ट में चल रहे इस Gyanvapi Case में ASI Report के आने से बाद में हिन्दू पक्ष वकील जैन ने बताया की रिपोर्ट में बताया गया है की वर्तमान ढांचे की पश्चिम दीवार हिन्दू मंदिर का हिस्सा है। मंदिर के अवशेषों से मस्जिद को बनाया गया है। इसके साथ ही तहख़ाने में देवनागरी, कन्नड, तेलुगू आदि में शिलालेख भी प्राप्त हुये है।

Gyanvapi ASI Report

संभवतः 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान नष्ट कर दी गई थी

ASI report के अनुसार बताया गया है की शायद यहाँ पूर्व में मंदिर हो सकता है जिसे 17वीं शताब्दी में औरंगजेब द्वारा नष्ट कर दिया गया हो। ढीले पत्थर पर मिले एक शिलालेख के आधार पर बताया गया की मस्जिद का निर्माण 1676 से 1677 के बीच हुआ है। यह वह समय था जब भारत पर 6th Mughal Emperor Aurangzeb का शासन रहा था।

मासीर-ए-आलमगिरी (1947) के आधार पर बताया गया की औरंगजेब ने अपने शासनकाल में काफिरों के स्कूलों और मंदिरों को ध्वस्त करने के आदेश दिया था। शायद इसी समय यहाँ पर स्थित मंदिर को नष्ट करके मस्जिद को बनाया गया होगा।

YouTube video player

देवनागरी, कन्नड और तेलुगू लिपीया और ग्रंथ मिले

एएसआई के सर्वेक्षण के दौरान कुल 34 शिलालेख को दर्ज किया गया है। ये वही शीलालेख है जो पहले से स्थित मंदिर पर लिखे गए थे। मंदिर को नष्ट करने के बाद इन पत्थरों को पुनः इस्तेमाल किया गया। इसी वजह से पत्थरों पर शीलालेख बचे रह गए है। शिलालेखों में जनार्दन जिसे विष्णु का दूसरा नाम भी कहा जाता है, रुद्र जिसे शिव का दूसरा नाम कहा जाता है, और “उमेश्वर” जैसे देवताओं के नाम भी पाए गए है।

पहले के पत्थरों को पुनः इस्तेमाल किया गया है

रिपोर्ट में बताया गया की मंदिर को नष्ट करने के बाद इन पत्थरों का इस्तेमाल पुनः मस्जिद निर्माण में किया गया है। यहाँ कई उकेरी गयी जानवर की आकृति थी जिन्हे नष्ट करके इनको पुनः इंस्तेमाल किया गया है।

पूर्व में विशाल हिन्दू मंदिर हुआ करता था

यह भी बताया गया की पूर्व में यहाँ एक विशाल मंदिर रहा होगा। केंद्र का मुख्य द्वार पहले पश्चिम की ओर था जिसे बाद में अवरुद्द कर दिया गया होगा। यहाँ पर धनुष के आकार का एक बड़ा प्रवेश द्वार भी था। इस पर कई आकृतियाँ भी उकेरी गयी थी जिन्हे नाश कर दिया गया।

इस रिपोर्ट के बाद अब विशाल विश्व हिन्दू परिषद आदि यहाँ मंदिर निर्माण के लिए अपनी मुहिम को तेज़ करने में लगे हुये है।

Please follow Udainews on Twitter(X) and Facebook to get latest update in your feed.

Writer: Mukesh
Photos: From the Internet

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *